देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बिना पूर्व सूचना के राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश का औचक निरीक्षण किया। बिना किसी सरकारी वाहन या सुरक्षा कर्मियों के, स्वयं वाहन चलाकर पहुंचे जिलाधिकारी ने सामान्य मरीज की तरह ओपीडी में पर्ची बनवाई और करीब आधे घंटे तक अस्पताल में मौजूद रहे। इस दौरान उन्हें अस्पताल में सफाई व्यवस्था और मरीजों की देखरेख में भारी कमी देखने को मिली, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि अस्पताल में सफाई की स्थिति बेहद खराब थी, जिसके चलते उन्होंने सफाई ठेकेदार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। निराश्रित वार्ड में मरीजों को जमीन पर लिटाया गया था, जिसे देखकर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की और तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
चिकित्सालय में तैनात 5 से 6 विशेषज्ञ चिकित्सकों के बावजूद वार्ड खाली थे और ऑपरेशन थिएटर में कोई मरीज नहीं था, जो अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाओं की लापरवाही को दर्शाता है। आईसीयू में ताला लगा पाया गया और टीकाकरण कक्ष में एएनएम अनुपस्थित मिलीं। इस पर जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा और प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक सहित अनुपस्थित चार चिकित्सकों का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
अस्पताल में मौजूद मरीजों और तीमारदारों से बातचीत करते हुए जिलाधिकारी ने उनकी समस्याएं सुनीं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के अंत में, जिलाधिकारी ने अस्पताल के चिकित्सकों और स्टाफ की उपस्थिति रजिस्टर अपने कब्जे में लिया और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।