देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा आज करनपुर गोलीकांड के शहीद राजेश रावत की शहादत को याद करते हुए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। रायपुर रोड स्थित राजेश रावत कॉलोनी में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर शहीद राजेश की माता आनन्दी रावत और उनके बड़े भाई ने विशेष रूप से धूप-दीप जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों ने उस दर्दनाक घटना को याद किया जिसमें राजेश रावत ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनकी माता आनन्दी रावत ने कहा, “इस घटना को 30 वर्ष बीत चुके हैं, और उत्तराखंड राज्य को बने 24 वर्ष हो गए, लेकिन मुझे आज भी न्याय की आस ने जीवित रखा है।” उनका यह बयान उन तमाम संघर्षों और पीड़ा का प्रतीक है जो इतने वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में हैं।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रवीन्द्र जुगरान और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि हम सभी शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए आज भी संघर्षरत हैं। हालांकि, दुख इस बात का है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगातार संघर्ष जारी है। राजधानी, लोकायुक्त, सशक्त भू-कानून और रोजगार नीतियों के लिए लड़ाई अभी भी चल रही है।
सभा में वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार और अधिकारियों को शहीद परिवारों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, आज इस मौके पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
सभा में कई प्रमुख लोगों ने भाग लिया, जिनमें शहीद राजेश रावत की माता आनन्दी रावत, उनके भाई दिनेश रावत, पूर्व राज्य मंत्री रवीन्द्र जुगरान, समाजसेवी लालचंद शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, सलाहकार केशव उनियाल, विरेन्द्र पोखरियाल, प्रदीप कुकरेती, पूरण सिंह लिंगवाल, पूर्व विधायक राजकुमार, विजय प्रताप मल्ल, विकास शर्मा, ओम प्रकाश सती, मेहर सिंह चौहान, संगीता रावत, रामेश्वरी कंडवाल, विद्या रावत, कविता सुंद्रियाल, सरोजनी देवी आदि शामिल थे।