देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सजवान के नेतृत्व में प्रधान डाकघर गोपेश्वर (चमोली) में बीपीएम और एबीपीएम के पदों पर हरियाणा और पंजाब के युवकों की भर्ती के विरोध में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से प्रेषित किया गया।
बृजमोहन सजवान ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड के सुदूरवर्ती पहाड़ी जिलों, चमोली और रुद्रप्रयाग, में डाक विभाग द्वारा 160 पदों पर भर्ती की जा रही है, जिसमें 157 पदों पर हरियाणा और पंजाब के अभ्यर्थी नियुक्त किए गए हैं, जबकि केवल 3 पद उत्तराखंड के अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को दिए गए हैं। इसे उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।
उक्रांद के केंद्रीय संगठन मंत्री वीरेंद्र बिष्ट ने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों के युवाओं को रोजगार देकर राज्य के युवाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। यह सरकार की दोगली नीति को उजागर करता है।
किरन रावत कश्यप, केंद्रीय मीडिया प्रभारी, ने कहा कि उत्तराखंड का युवा इस फैसले से हताश और निराश हो चुका है, जो गंभीर चिंता का विषय है। पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय भाषा, गढ़वाली, का इस्तेमाल अधिक होता है, जबकि हरियाणा और पंजाब के लोग इसे समझ नहीं सकते, जिससे ग्रामीणों को डाक विभाग की सेवाओं में असुविधा होगी।
उक्रांद ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और पहाड़ी राज्यों के लिए एक अलग भर्ती नीति बनाई जाए, जिसमें 80% रोजगार आरक्षण स्थानीय निवासियों के लिए हो। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो उक्रांद आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में वरिष्ठ आंदोलनकारी लताफत हुसैन, बृजमोहन सजवान, श्याम सिंह रमोला, सुमित डंगवाल, कौशल कुमार, अनूप बिष्ट, प्रवीण रमोला, नीलम, रेखा शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।