देहरादून। चमोली जिले के रैणी में आज सुबह ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आने से काफी जनहानि हुई। ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, आपदा के दौरान रैणी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, सीमा पर आवाजाही ठप हो गई।।मुख्यमंत्री ने चमोली में हुई आपदा के सर्वेक्षण करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा रेणी पर ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट था जिसमें 35 लोग काम करते थे 2 पुलिस कर्मी तैनात थे गायब हैं।उन्होंने बताया कि इसके बाद नीचे 5 किमी एनटीपीसी का तपोवन में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में 1 सुरंग में 35 लोग तथा दूसरी सुरंग में 15 लोग काम कर रहे थे। सुरंग के भीतर मलबा घुसने से आईटीबीपी को थोड़ी दिक्कत आ रही है। एसडीआरएफ और अन्य टीमें राहत कार्य मे लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सेवाओं के साथ केंद्र की टीम भी उक्त स्थल पर पहुंच गई है।एसडीआरएफ की टीम लगातार कार्य कर रही है।ग्रामीणों की सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है।अन्य टीमों से भी संपर्क किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कई सामाजिक संगठन हमे पूरी मदद के लिए तैयार है।लगातार संपर्क में हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 7 लोगों की बॉडी मिल पाई है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।