पौड़ी।जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आज नगरपालिका सभागार, पौड़ी में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पशुओं पर होने वाली क्रूरता, उसके निवारण, गो शालाओं के संचालन, कू्ररता करने वालों के प्रति नियमानुसार की जाने वाली कार्यवाही आदि की जानकारी स्लाइड शो के माध्यम से प्रस्तुत की गई।
बैठक में उपाध्यक्ष, गो सेवा आयोग (राज्यमंत्री स्तर), उत्तराखण्ड पं. राजेन्द्र प्रसाद ने भी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है, और हर तीसरे माह में यह बैठक आयोजित की जानी आवश्यक है। कहा कि सनातन पद्धति की मूल आत्मा व आधार गो, गंगा और गायत्री है, यह हमारी आर्थिकी का साधन भी है, किन्तु आज हमारी संवेदनहीनता के कारण इनकी दुर्दशा हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सुधारात्मक प्रयास करने हेतु निरन्तर प्रयासरत् है, किन्तु इसमें जन सहभागिता की आवश्यकता है। कहा कि प्रदेश में अधिकतर डाॅक्टर युवा हैं, और अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को भी इस दिशा में गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला पंचायत को निर्देशित किया कि 25-25 ग्राम सभा को कलस्टर के रूप में लेकर गो शाला बनाने के कार्य में तीव्रता लायें। उन्होंने कहा कि अगर कोई पशुपालक पशुओं पर टैग या चिप लगाने हेतु मना करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि गो शाला को बनाने हेतु समाधान का भाव निकालते हुए प्रस्ताव भेजे, पैंसे की कोई दिक्कत नहीं होगी। कहा कि उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग पूरे देश में चर्चा में रहा है। कहा कि लोगों को सहयोग और सही दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने अधिशासी अधिकारी जौंक व सतपुली से नगर पंचायत में संचालित गो शालाओं के संबंध में भी जानकारी चाही।
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में भी ज्ञान दें, गाय को कैंसे बचायें, उसकी महत्तता, उपयोग पर सेमिनार आयोजित करने के साथ ही वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करेें। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी को सांडों को रखने हेतु पानी वाले जगहों पर चारदीवारी बनाकर शैड बनवाने को भी कहा, इस पर डीएफओ ने कहा कि सिविल एरिया व वन पंचायत में यह काम किया जा सकता है। पुलिस विभाग को जनपद स्तर पर गठित सेल के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उपाध्यक्ष ने मुख्य विकास अधिकारी को गोपाल गोलोक सेवा संस्थान, गाड़ी घाट, कोटद्वार द्वारा बनाये जा रहे गो शाला के प्रकरण को देखने को कहा। वहीं अध्यक्ष पर्वतीय गो रक्षा समिति थलीसैंण द्वारा मरोड़ा में खाली पड़ी जमीन को आवारा पशुओं को रखने हेतु दिये जाने की मांग की, जिस पर मा. उपाध्यक्ष ने एक माह में आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
मुख्य विकास अधिकारी श्री भटगाई ने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि इस संबंध में जन जागरूकता हेतु सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम, ट्विटर, विज्ञापन व बैठक आदि के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक के मिनट्स बनाने तथा की गई कार्यवाही का अगली बैठक में समीक्षा करने को कहा। साथ ही टैग लगे पशुओं की सूची भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आमजन को जागरूक करने, सहयोग करने हेतु सामुहिक प्रयास करें। कहा कि समिति का वाट्स एप ग्रुप बनाकर कार्य को विस्तार दें। उन्होंने जिला पंचायत अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि गो शालाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर स्थान चिन्ह्ति कर माॅडल बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत व पुलिस को वर्कशाॅप कराने को भी कहा।
बैठक में उपजिलाधिकारी पौड़ी एस.एस.राणा, प्रभागीय वनाधिकारी के.एस.रावत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एस.के. सिंह, अधिशासी अधिकारी न.पा. पौड़ी प्रदीप बिष्ट, दुगड्डा हर्षवर्धन रावत, श्रीनगर राजेश नैथानी, न.पं. स्वर्गाश्रम मोहन प्रसाद गौड, सतपुली सुशील बहुगुणा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) सावेद आलम, एसएचओ राकेन्द्र कठैत, पशु चिकित्सा अधिकारी कोट डाॅ. देवकी पिल्खववाल, नैनीडांडा डाॅ. निधि वर्मा, पौड़ी डाॅ. अशोक कुमार, अमोल डाॅ. आशा सामन्त, सतपुली डाॅ. विनय कुमार, श्रीनगर डाॅ. राजेश पाण्डे, डाडामंडी डाॅ. स्वाती, कल्जीखाल डाॅ. एस.के. उपाध्याय आदि सहित संबंधित अधिकारी व गो सेवा समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे।