अहमदाबाद। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अगर लौहपुरुष सरदार पटेल को नहीं रोका होता तो आज जम्मू-कश्मीर की समस्या नहीं होती। केंद्र सरकार ने सेना को अब खुली छूट दे दी है जिससे हर दिन दो-चार आतंकी ढेर हो रहे हैं।
गुजरात भाजपा की गौरव यात्रा में शामिल होने गुजरात पहुंचे राजनाथ सिंह दक्षिण गुजरात में सरदार पटेल की कर्मभूमि बारदोली में सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जिस तरह जूनागढ़ व हैदराबाद का भारत में विलय किया उसी तरह जम्मू-कश्मीर को भी भारत में मिलाते तो आज न यह समस्या होती और न ही गुलाम कश्मीर होता।
राजनाथ ने कहा कि पड़ोसी देश का नाम पाकिस्तान है, लेकिन वह हमेशा नापाक हरकतें करता है। वह भारत को तोड़ने का प्रयास करता आ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं इसलिए उनसे रिश्ता अच्छा होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते बनाने के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर वहां पहुंचे और एक संदेश देने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि डोकलाम का मुद्दा खूब चला, चीन के साथ बढ़ते विवाद में डोकलाम एक अहम मामला था, लेकिन चीन भी अब सकारात्मक पहल कर रहा है।
राजनाथ ने बताया कि राजग सरकार गठन के बाद एक बार कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी हुई। भारतीय सेना के अफसर ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि हमने 16 बार सफेद झंडा लहराया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इसके बावजूद फायरिंग की जा रही है। तब उन्होंने पूछा की यह सफेद झंडा क्यों दिखा रहे हो तो सेना के उस अफसर का जवाब था कि यह सरकारी नीति रही है। ताकि दुश्मन देश की सेना को संदेश दिया जाए कि हम मिल बैठकर बात करना चाहते हैं।
इस पर उन्होंने सैन्य अफसर से कहा कि अब से आपको सीमा पर गोली चलाने के स्टेंडिंग आदेश हैं, दुश्मन पर प्रहार करो। इसके बाद से भारतीय जवान पाक सेना और आतंकियों को खुलकर जवाब दे रहे हैं।