विनीत कंसवाल, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी ।जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित व प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार सिंह ने इन्द्रवती नदी पुनरोद्धार किये जाने को लेकर उक्त स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया ।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्री दीक्षित ने नदी पुनरोद्धार किये जाने वाले संबधी कार्यों का गहनता से अवलोकन किया । साथ ही जिन- जिन जगहों में चैकडैम व वृक्षारोपण के कार्य होने है । उन स्थानों में अवश्य कार्यवाही के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश दिए ।
जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि उक्त नदी के पुनरोद्धार हेतु राजस्व, वन, मनरेगा के अभियंता, सरपंच वन पंचायत, ग्राम प्रधान, जी0 आई0एस0 एनालिस्ट एंव जी0आई0एस0 टेक्निशियन की टीम गठित कर पुनरोद्धार कार्यों की विस्तृत डीपीआर तैयार करना प्रस्तुत करें ।
उन्होंने कहा कि डीपीआर में मुख्यतः चेक डैम, वृक्षारोपण, वाटर शेड, चाल खाल निर्माण आदि आवश्यक कार्य समाहित किए जाएं ।इसके अतिरिक्त डी0पी0 आर0 में उपरोक्त क्षेत्र का संपूर्ण क्षेत्रफल सिंचित- असिंचित भूमि, वन एवं सिविल भूमि के संबंध में संपूर्ण विवरण तैयार करने के साथ ही ग्राम प्रधान तथा वन पंचायत प्रधानों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्यों से वार्ता कर प्रोजेक्ट की जानकारियां देते हुए उनसे सुझाव प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए ।
उन्होंने कहा कि उक्त प्रोजेक्ट को शीघ्र ही तैयार कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भी प्रेषित किया जाए, ताकि इसी वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित कार्य संपादित कराया जा सके । यदि पूर्व में उक्त प्रकार का कार्य कहीं हुआ हो तो उसके सफल प्रयोग को भी उक्त प्रोजेक्ट में समाहित किया जाए, इसके अतिरिक्त नदी के संभरण क्षेत्र में संवेदनशील स्थानों में भूस्खलन आदि को रोकने एंव पशु चारे हेतु नेपियर घास उगाई जाने के संबंध में प्रभागीय वन अधिकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें
जानकारी देते हुए प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि इंद्रावती नदी की कुल लंबाई लगभग 12 किलोमीटर है । तथा इस नदी में 7-8 छोटे -छोटे गदेरे मिलते हैं । शीघ्र ही नदी के पुनरोद्धार को लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जाएंगे ।
इस दौरान जिला विकास अधिकारी विमल कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग जयपाल सिंह रावत, जिला आपदा प्रबन्धन समन्वयक शार्दुल गुसाईं सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे ।