नाबालिग पत्नी से यौन संबंध माना जाएगा रेप:SC

Spread the love

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि 18 वर्ष के कम उम्र की पत्नी से बनाए गए यौन संबंधों को रेप माना जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को नाबालिग बीवी से शारीरिक संबंध बनाने को दुष्कर्म की परिधि से बाहर रखने वाले कानून (आइपीसी धारा 375 के अपवाद (2) की वैधानिकता पर फैसला सुनाया और इस अपवाद को खारिज कर दिया।
इससे पहले कोर्ट ने 6 सितंबर को बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गैर सरकारी संगठन इनडिपेंडेंट थाट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आइपीसी की धारा 375 के अपवाद (2) को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की है।
यह धारा कहती है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी बीवी जिसकी उम्र 15 साल से कम न हो, शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने की है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि ला कमीशन, वर्मा कमेटी आदि कई रिपोर्टो में इस कानून को संशोधित किए जाने की सिफारिश होने के बावजूद संसद ने इसमें दखल नहीं दिया। संसद ने जानबूझकर सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा किया है।
सरकार का कहना था कि वैसे तो बाल विवाह कानूनन गलत है, लेकिन फिर भी अभी ये प्रचलन में है, इसीलिए कानून में भी बाल विवाह शुरुआत से शून्य नहीं माना गया है। उसे शून्य घोषित कराया जा सकता है।
सरकार की दलील थी कि कानून में बदलाव करना संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। उसी पर यह काम छोड़ा जाना चाहिए और कोर्ट को उसमें दखल नहीं देना चाहिए। सरकार ने याचिका खारिज करने की मांग की है। जबकि याचिकाकर्ता की मांग थी कि कानून का यह प्रावधान गैरकानूनी घोषित किया जाए, क्योंकि ये 15 से 18 वर्ष की विवाहिता और गैर विवाहिता लड़कियों में भेद करता है।
ये कानून संविधान के अनुच्छेद 14,15 व 21 का उल्लंघन है। यह कानून 15 से 18 वर्ष तक कि नाबालिग बीवी से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देता है, इसमें बीवी की सहमति और असहमति का कोई मतलब नहीं है।
जबकि बाकी कानूनों में 18 वर्ष तक लड़की नाबालिग मानी जाती है और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शारीरिक संबंध बनाने मे सहमति देने न देने का कोई महत्व नहीं है।
वहां संबंध बनाने वाले पर नाबालिग से दुष्कर्म का मामला चलता है। इसका मतलब है कि सामान्यता कानून ये मानकर चलता है कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की शारीरिक और मानसिक तौर पर संबंध बनाने की सहमति देने के लिए पूर्ण परिपक्व नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

न्यूज पोर्टल के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई 16 अक्टूबर तक टली

Spread the loveअहमदाबाद|बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह द्वारा एक न्यूज पोर्टल के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई बुधवार को एक मेट्रोपॉलिटिन अदालत ने स्थगित कर दी. शिकायतकर्ता के वकील के अदालत में उपस्थित नहीं होने की वजह से सुनवाई स्थगित की गई.| […]

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/devbhoom/public_html/wp-includes/functions.php on line 5279

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/devbhoom/public_html/wp-includes/functions.php on line 5279