रुद्रपुर ।देवभूमि खबर। पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने एक बयान में कहा कि भाजपा की सरकार में किसान व व्यापारी परेशान हो रहा है, जो पार्टी किसानों की बात करती हो आज उसी पार्टी की सरकार में किसान को अपनी फसल बेचने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे देश के अन्दर आम चुनाव की बात हो, चाहे उत्तराखण्ड में चुनाव की बात हो, किसानों को अच्छे दिनों के सपने दिखाकर दोनों सरकारों ने किसानों को लूटने का काम किया है।
श्री बेहड़ ने कहा कि उत्तराखंड की जनता से डबल इंजन की सरकार बनाने के नाम पर तमाम वायदे किए थे। जैसे किसानों का कर्ज माफी, फसली लोन, बिना ब्याज के कर्ज दिया जाएगा ऐसे सारे वायदे खोखले साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे राज्य में किसान आत्म हत्या कर रहा है। देश भर में सैकड़ों किसानों ने आत्म हत्या की है और देश के अन्दर डबल इंजन की सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है।
श्री बेहड़ ने कहा कि जिला उधम सिंह नगर किसान बहुल्य क्षेत्र है। यहां का किसान अन्नदाता के रूप में पूरे उत्तराखंड में तथा देश भर में अनाज की पूर्ति करता है, उस जनपद का किसान आज अपनी फसल को बेचने के लिए आंदोलित है। जिस भाजपा सरकार के उधम सिंह नगर में 9 में से 8 विधायक हो तथा राज्य में 70 में से 57 विधायक भाजपा के हो उसके बाद भी अगर किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है तो बहुत शर्म की बात है। जिन किसानों ने व व्यापारियों ने भाजपा को वोट देकर उधम सिंह नगर में ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड में भाजपा की लहर चलाई हो आज उस किसान को अपनी फसल बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है।
श्री बेहड़ ने कहा कि हमारे इलाके में सांसद भगत सिंह कोश्यारी भी हमारे क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं। जिन किसानों व व्यापारियों ने उन्हे सांसद बनाया आज वो सांसद मुंह बन्द कर बैठे हुए हैं। न तो वह राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं और न ही केन्द्र सरकार से किसानों व व्यापारियों के हित के लिए बात कर रहे हैं। हमारे क्षेत्र के लिए ऐसे संासद का होना न होना एक ही बात है।
बेहड़ ने कहा कि जहां किसान मर रहा है, वहीं व्यापारी वर्ग भी सरकार की नीतियों से तंग आगर अपना कारोबार बंद करने की कागार पर हैं। ऐसे में चाहे वह किसान हो,राईस मिलर, व्यापारी हो उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। श्री बेहड़ ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है जिस जनपद में दो दो कैबिनेट मंत्री हों वहां का किसान और व्यापारी आज दीपावली का त्यौहार न मनाने के हालात में आ चुका है। जो सरकार अच्छे दिनों की बात करती थी आज उसी सरकार ने क्षेत्र की जनता को दीपावली न मनाने को सोचने पर मजबूर कर दिया है।