ललित जोशी,नैनीताल
नैनीताल । जनपद नैनीताल में कृषि उद्यान पशुपालन एंव रेखीय विभागों की मण्डलीय बैठक लेते हुए कृषि उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पूरा विश्व कोविड 19 महामारी से प्रभावित है।कई प्रकार के उद्योग अभी भी बन्द है, ऐसी स्थिति कृषि आधारित सेक्टर पर दबाव बढ गया है। उन्होने कहा कि कृषि, उद्यान आधारित सेक्टर मे ही रोजगार की सम्भावनायें है। इस सेक्टर को हमें और मजबूत करना हैै।
उन्होने मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कृषि एलाइड सेक्टर के अधिकारियों मे विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये कृषकों को और अधिक बेहतर सुविधायें देते हुये योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जिला योजना का 40 प्रतिशत की धनराशि कृषि सेक्टर में व्यय करना सुनिश्चित करें, जिससे अधिक से अधिक कृषकों एवं कृषि आधारित व्यवसायियों को लाभ मिल सके व उनकी आय मे वृद्वि हो सके।
कृषि, उद्यान मंत्री श्री उनियाल ने कहा कि एकीकृत कृषि बागवानी योजना पर विशेष फोकस दिया जाए ताकि हम कृषि बागवानी क्षेत्र मे आगे बढ सकें व अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर सकें साथ ही कृषक भी आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होने कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री सिचाई योजना, सबमिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन, राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन,राष्ट्रीय सम्पोषणीय कृषि मिशन, परम्परागत कृषि विकास योजना,मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, फसल बीमा योजना, कृषक उत्पादक समूह एफपीओ, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के साथ ही औद्यानिकरण, पुराने उद्यानों का जीर्णोद्वार, औधानिक यंत्रीकरण,पाॅलीहाउस की स्थापना, जलस्रोत्रोें का सृजन, मशरूम उत्पादन, खादय प्रसंस्करण ईकाइयो की स्थापना, फल सब्जी पट्टियों की स्थापना, विपणन व्यवस्था के साथ ही पशुपालन, मौनपालन, मत्स्य पालन, कुकुट, रेशम के साथ ही सहकारिता की योजनाओं का समन्वय स्थापित करते हुये कृषकोें को लाभ पहुचाने के निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि जनपदों में क्लस्टर विकसित किये जांए ताकि कृषकों की आय को दोगुना किया जा सके। उन्होने बताया कृषकों की उपज विपणन प्रदेश मे 1300 आउटलैट बनाये जा रहे है।
श्री उनियाल ने मण्डल मे संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि जनपदों में आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक समूहों एफपीओ का गठन किया जा रहा है, आगामी तीन वर्षो में तीन सौ समूहों का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होने कहा भारत सरकार द्वार महत्वाकाक्षी योजना कृषकों के लिए चलाई जा रही है जिसमें आत्मनिर्भर भारत- एग्रीकल्चर इंफ्रास्टक्चर फंड योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ने कृषि विकास के लिए एक लाख करोड का फंड जारी किया है इस फंड का इस्तेमाल फसल कटाई के बाद प्रसंस्करण आदि इन्फ्रास्टेक्चर के विकास हेतु किया जाना है। इसके साथ ही कोल्ड स्टोरेज, कलैक्शन सेन्टर फूड प्रोसेसिंग लगाने जैसे कार्यो के लिए ऋण देने के साथ ही गांवों मे निजी निवेश और रोजगार को बढावा देना है। योजना के अन्तर्गत प्राइमरी एग्री के्रडिट सोसाइटी, किसानो के समूहों, किसान उत्पान संगठनों, एग्री एंटरप्रिन्योर, स्टार्टअप एंव एग्रीटेक प्लेयर्स को ऋण न्यूनतम 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया जायेगा। इस योजना का अधिक से अधिक कृषकों व कृषि आधारित स्वरोजगारियोें को लाभ पहुचाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के साथ ही उपलब्धता को देखते हुये कलस्टर आधारित एकीकृत कृषि कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे है। जिसमे चालू वित्तीय वर्ष में 12 करोड का बजट रखा गया है।
जिसके तहत 18 करोड का बजट प्राविधान किया गया है। कृषकों के उन्नयन के लिए मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना संचालित करते हुये 15 करोड का बजट रखा गया है। उन्होने कहा कि कोविड19 महामारी में लाॅकडाउन अवधि मे कृषि विभाग द्वारा कृषक हितोें के लिए 670 कृषि निवेश केन्द्र खोले गये हैं जिसमें कृषकों समय से कृषि निवेश उपलब्ध हो सकेगा।
कृषि मंत्री ने प्रत्येक जनपद में एक-एक हर्बल नर्सरी एवं औषधीय पौध नर्सरी स्थापित करने के निर्देश अधिकारियोे को दिये ।