
देहरादून।उत्तराखंड में डेंगू और चिकनगुनिया की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को व्यापक कार्ययोजना के निर्देश जारी किए हैं। पत्र में कहा गया है कि डेंगू-चिकनगुनिया का मुख्य कारक एडिज मच्छर है, और इन बीमारियों को रोकने के लिए समय रहते समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जनपदों में ब्लॉकवार माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाही करने, नगर निकायों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाने, लार्वा निरोधात्मक गतिविधियों (सोर्स रिडक्शन) को प्राथमिकता देने और आवश्यकतानुसार फॉगिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जनजागरूकता बढ़ाने के लिए आईईसी सामग्री के प्रयोग और अंतर्विभागीय समन्वय के लिए नियमित बैठकों का आयोजन करने की भी बात कही गई है। सभी चिकित्सालयों में पृथक डेंगू आइसोलेशन वार्ड, पर्याप्त बेड, मच्छरदानी, प्लेटलेट्स और जांच किट की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। साथ ही गंभीर रोगियों की पहचान के लिए फीवर सर्वे व समयबद्ध रिपोर्टिंग भी आवश्यक बताई गई है।
जनपदों में नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित करने और राज्य टोल फ्री हेल्पलाइन 104 की जानकारी जनमानस तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मीडिया को डेंगू-चिकनगुनिया संबंधी सही जानकारी देने के लिए एक स्वास्थ्य अधिकारी को मीडिया प्रवक्ता नामित करने को भी कहा गया है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन रोगों को महामारी बनने से रोकने के लिए जनसहभागिता, तत्परता और आपसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है।