देहरादून।पुलिस उपमहानिरीक्षक नीरू गर्ग ने दण्ड के विरुद्ध प्रस्तुत अपील में पत्रों के अवलोकन में जांच में गहनता से परीक्षण न करने पर दण्डादेश पारित करने पर गढ़वाल रेंज के समस्त प्रभारियों को अधीनस्थ कर्मियों के द्वारा स्थिलता अनियमियता पाए जाने पर की जाने वाली जांच को निष्पक्ष कर दण्ड का निर्धारण करने के निर्देश दिए।
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने अपील में प्रस्तुत पत्रों का अवलोकन करने पर जांच में पाई कमियों के मध्यनजर गढ़वाल रेंज के समस्त जनपद प्रभारियों को उक्त सम्बन्ध में निर्देशित किया कि किसी प्रकरण में अधीनस्थ कर्मी के द्वारा कर्तव्य पालन में लापरवाही/शिथिलता, अनियमितता उजागर होने पर जो भी जांच/विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जाय उसका सम्यक रूप से विचारण कर निष्पक्ष व तथ्यपरक साक्ष्यों पर आधारित हो। जांच अधिकारी एवं दण्डाधिकारी को निष्पक्ष होकर आरोपों एवं उसके समर्थन में संकलित समस्त साक्ष्यो के विवेचन के उपरान्त ही दण्ड का निर्धारण किया जाय।
किसी भी कार्मिक के विरुद्ध दण्ड का निर्धारण करने से पूर्व स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गहनतापूर्वक परीशीलन करने के उपरान्त ही पूर्ण संवेदनशील होकर निर्णय लें। त्रुटिपूर्ण जांच करने वाले जांच अधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाय।
डीआईजी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आरोपी पुलिस अधिकारी,कर्मचारी के विरूद्ध उल्लिखित आरोपों के सम्बन्ध में प्रत्येक साक्षी व आरोपी के कथन अभिलिखित किये जायें।दण्ड के निर्धारण से पूर्व आरोपों से सम्बन्धित अभिलेखीय साक्ष्य संकलन एवं अभिलेखों के परीक्षण की कार्यवाही की जाये।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,दण्डाधिकारी स्वयं, जांच अधिकारी द्वारा सम्पादित की गयी जांच का गहनतापूर्वक परीक्षण करने तथा सारगर्भित जांच के आधार पर ही दण्ड का निर्णय लें। सरसरी,त्रुटिपूर्ण जांच के आधार पर दण्ड का निर्णय कदापि न लिया जाये।आरोपी अधिकारी ,कर्मचारी को जांच,विभागीय कार्यवाही में बचाव का पर्याप्त,युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया जाये।जांच के दौरान सामान्य दैनिकी(जीडी) एवं अन्य सम्बन्धित अभिलेखों को जांच का भाग बनाया जाये।
अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रारम्भिक जांच/विभागीय कार्यवाही में जांच अधिकारी/दण्डाधिकारी द्वारा स्वयं प्रकरण को गहनता से मनन/विश्लेषण किया जाये।