
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला और राज्य आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न लंबित मांगों पर विस्तार से चर्चा की। इस वार्ता में चिन्हीकरण, क्षैतिज आरक्षण, सम्मानजनक पेंशन, और पुरानी पेंशन योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्र निर्णय लेने एवं पुनः चर्चा के लिए हामी भरते हुए सभी विषयों को गंभीरता से लेने का भरोसा दिलाया।
शिष्टमंडल में परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल, दायित्वधारी राजीव तलवार, प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, मंच के मसूरी उपाध्यक्ष विजय रमोला, व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाणा प्रमुख रूप से शामिल रहे। इस अवसर पर जगमोहन सिंह नेगी एवं जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती द्वारा मुख्यमंत्री को एक पौधा भेंट किया गया तथा राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के गठन पर आभार प्रकट किया गया।
पुष्पलता सिलमाणा ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वर्षों से चिन्हीकरण से वंचित राज्य आंदोलनकारियों के मामलों का शीघ्र निस्तारण कर शासनादेश जारी किया जाए। वहीं, सुभाष बड़थ्वाल और जगमोहन सिंह नेगी ने सभी चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण, उम्र में छूट, एवं स्पष्ट नियमावली की मांग रखी, जिससे लाभ की प्रक्रिया पारदर्शी एवं समान हो सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने वर्ष 2005 के शासनादेश के अनुरूप सेवाकाल से जुड़े कुछ आंदोलनकारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने की भी मांग की।
प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन राशी को सम्मानजनक बनाया जाए एवं उन्हें पेंशन पट्टा उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे सामाजिक सुरक्षा की भावना के साथ जीवन यापन कर सकें।
अंत में, उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल द्वारा एक मांगपत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया जिसमें चार प्रमुख बिंदु सम्मिलित थे — लंबित चिन्हीकरण का शीघ्र निस्तारण, आरक्षण एवं उम्र छूट की नियमावली, सम्मानजनक पेंशन की व्यवस्था तथा वर्ष 2005 के शासनादेश के अनुसार पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने की मांग। प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से इन विषयों पर शीघ्र सकारात्मक पहल का आश्वासन मिला है।