ललित जोशी ,नैनीताल
नैनीताल।जनपद नैनीताल के भीमताल ओखलकांडा ब्लाक में आज भी 73 वर्ष बाद ग्रामीण दो जून की रोटी के लिये संघर्ष करते नजर आ रहें हैं ।जो जिंदगी व मौत के बीच अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहें हैं । इन लोगों की परवाह न तो सरकार को है और न ही प्रशासन को ।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में डोली से बीमारों को ले जाने के वीडियो के बाद अब हम आपको दो जून की रोटी के लिए खतरा मोल लेते कास्तकारों का वीडियो दिखाएंगे, जिसमें सिर पर सीजनल सब्जियों की पेटियां लेकर नदी पार करती महिलाओं और पुरुषों की तस्वीर उनका दर्द खुद ब खुद बयां करती है । पुल नहीं होने के कारण लम्बे रास्ते से जाने पर खर्चा और खतरा बढ़ जाता है, ग्रामीण अब पुल की मांग कर रहे हैं ।
नैनीताल जिले के भीमताल स्थित ओखलकांडा ब्लॉक में आज भी आजादी के 73 वर्ष बाद ग्रामीण कठिन समय व्ययतीत कर रहे हैं । रेखाकोर्ट में साली गांव के ग्रामीण इन दिनों टमाटर, मिर्च, गोभी, मूली आदि साग सब्जी को बाजार लाने के लिए गौला नदी को पार करने के लिए मजबूर हैं ।
फसल काटने के समय नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और ग्रामीणों को सब्जी के सही दामों के लिए उसे हल्द्वानी मंडी तक पहुंचाने के लिए खतरा मोल लेना पड़ता है । ग्रामीण नदी पर एक पुल की मांग काफी लंबे समय से कर रहे हैं । उन्हें नजदीकी बाजार आने के लिए पांच किलोमीटर जंगल मार्ग से गुजरना पड़ता है । उनका कहना है कि इस मार्ग में पुल बनने के बाद खतरा भी कम होगा और एक किलोमीटर की दूरी तय करने पर ही बाजार पहुंचा जा सकेगा ।